Anganwadi workers demands:- बलरामपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विभागीय कार्य के अलावा अतिरिक्त कार्य मुक्त करने की मांग की है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ‘विभागीय काम के अलावा अतिरिक्त काम की जिम्मेदारी दिए जाने से दिन-रात काम का बोझ बना रहता है। मानदेय के रूप में मात्र 10 हजार रुपए में काफी काम हो रहा है।
बलरामपुर जिले की आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उन्हें अतिरिक्त कार्य से मुक्त करने की मांग की है. इन कार्यकर्ताओं को रोजाना आंगनवाड़ी केंद्रों में ड्यूटी करनी होगी। चुनाव में बीएलओ ड्यूटी करने के साथ-साथ पोषण ट्रैकर ऐप, महतारी वंदन योजना समेत कई कार्यों की जिम्मेदारी भी है।
इस मामले में भारतीय मजदूर संघ की प्रदेश अध्यक्ष शोभा सिंह देव का कहना है कि हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनें इस समय पोषण ट्रैकर ऐप पर काम कर रही हैं. इसके अलावा वह एक और एप्लीकेशन पर काम कर रही हैं. कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है।
इस बीच चुनाव का काम भी चल रहा है. घर-घर जाकर काम चल रहा है. इसमें नये मतदाताओं को जोड़ना और जिनकी मृत्यु हो गयी है उनका नाम हटाना शामिल है. इस बीच हमें ओबीसी सर्वे कराने का काम भी दिया जा रहा है.
‘हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों के लिए ये अतिरिक्त कार्य हो जा रहा है. इससे हमारे जो कुपोषित बच्चे हैं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे हैं वो वंचित हो जा रहे हैं. यही सब समस्या को लेकर हम कलेक्टर साहब के पास ज्ञापन देने आए हैं. हम बारह घंटे काम कर रहे हैं. इसे कम किया जाए. हमें जो अतिरिक्त काम दिया जा रहा है इससे मुक्त किया जाए.
10 हजार के मानदेय में काम का बोझ
इस मामले में भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख प्रत्युष केशरी ने बताया, हमारी मांग ये है कि हमारी जो आंगनबाड़ी की बहनें हैं उनको सरकार बीएलओ का काम कर ही रही हैं. अभी ओबीसी सर्वे के लिए आया है उसमें भी इन्हें इन्क्लूड कर दिया गया है. अब ये आंगनबाड़ी खोले या बीएलओ का काम देखें कि नया सर्वे करें.
‘आंगनबाड़ी में सब ऑनलाइन हो गया है. पोषण ट्रेकर एप में भी इनको केन्द्र से ही भरना रहता है नहीं तो इनकी हाजिरी निरस्त हो जाती है. एक्स्ट्रा काम ये कहां से कर पाएंगी. घर-घर जाकर बीएलओ का काम करना है उसके बाद सर्वे, यहां तक कि संडे के दिन भी छुट्टी नहीं मिल पाता है. हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सबसे कम मानदेय पर काम करती हैं.’ प्रत्युष केशरी, विभाग प्रमुख, भारतीय मजदूर संघ
आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की जिम्मेदारी के साथ ही चुनावी ड्यूटी पोषण ट्रेकर एप में ओनलाइन इंट्री पोषण आहार वितरण जैसी जिम्मेदारियां संभालती हैं. अब ओबीसी सर्वेक्षण करने की एक्स्ट्रा जिम्मेदारी मिलने से आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.जिसमें एक्स्ट्रा वर्क से छुटकारा दिलाने की मांग की गई है.
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निष्कर्ष – Anganwadi workers demands
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Disclaimer:- इस लेख में हम जो जानकारी दे रहे हैं वह इंटरनेट से ली गई है।